펼쳐라, 꿈 / 천숙녀
심장이
찢기어져도
발길만은 내 뻗어라
향해 걷는
저 길은
나에게 주어진 길
올곧게
뿌리 순 내려
우뚝 서야할 나의 생(生)
펼쳐라, 꿈 / 천숙녀
심장이
찢기어져도
발길만은 내 뻗어라
향해 걷는
저 길은
나에게 주어진 길
올곧게
뿌리 순 내려
우뚝 서야할 나의 생(生)
번호 | 분류 | 제목 | 글쓴이 | 날짜 | 조회 수 |
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2124 | 향기에게 | 유성룡 | 2005.11.21 | 129 | |
2123 | 고향보감(故鄕寶鑑) | 유성룡 | 2005.11.23 | 170 | |
2122 | 칡덩쿨과 참나무 | 성백군 | 2005.11.24 | 265 | |
2121 | 자화상(自畵像) | 유성룡 | 2005.11.24 | 193 | |
2120 | 옛날에 금잔디 | 서 량 | 2005.11.26 | 515 | |
2119 | 여고행(旅苦行) | 유성룡 | 2005.11.26 | 420 | |
2118 | 하소연 | 유성룡 | 2005.11.27 | 187 | |
2117 | 12월, 우리는 / 임영준 | 뉴요커 | 2005.12.05 | 190 | |
2116 | 준비 | 김사빈 | 2005.12.05 | 259 | |
2115 | 품위 유지비 | 김사빈 | 2005.12.05 | 606 | |
2114 | 신 내리는 날 | 성백군 | 2005.12.07 | 210 | |
2113 | 12 월 | 강민경 | 2005.12.10 | 192 | |
2112 | 누나 | 유성룡 | 2005.12.14 | 330 | |
2111 | 발자국 | 성백군 | 2005.12.15 | 181 | |
2110 | 동백의 미소(媚笑) | 유성룡 | 2005.12.15 | 251 | |
2109 | 우리집 | 강민경 | 2005.12.17 | 188 | |
2108 | 새 날을 준비 하며 | 김사빈 | 2005.12.18 | 238 | |
2107 | 전구 갈아 끼우기 | 서 량 | 2005.12.18 | 438 | |
2106 | 새롭지만은 않은 일곱 '신인'의 목소리 | 이승하 | 2005.12.19 | 710 | |
2105 | 년말 | 성백군 | 2005.12.19 | 256 |