< 가을의 길목 >
무화과 송이 벌고
석류 예쁘게 익어가고
사과는 굵어지고
이제
나만 영글면 되겠네…
무화과 송이 벌고
석류 예쁘게 익어가고
사과는 굵어지고
이제
나만 영글면 되겠네…
번호 | 분류 | 제목 | 글쓴이 | 날짜 | 조회 수 |
---|---|---|---|---|---|
2187 | [가슴으로 본 독도] / 松花 김윤자 | 김윤자 | 2005.05.11 | 263 | |
2186 | Fullerton Station | 천일칠 | 2005.05.16 | 158 | |
2185 | 밤에 듣는 재즈 | 서 량 | 2005.05.17 | 280 | |
2184 | 아우야, 깨어나라 고영준 | ko, young j | 2005.05.18 | 334 | |
2183 | 유월(六月) / 임영준 | 윤기호 | 2005.05.31 | 249 | |
2182 | 풀 잎 사 랑 | 성백군 | 2005.06.18 | 286 | |
2181 | 빈 집 | 성백군 | 2005.06.18 | 236 | |
2180 | 노란리본 | 강민경 | 2005.06.18 | 265 | |
2179 | 피아노 치는 여자*에게 | 서 량 | 2005.06.22 | 605 | |
2178 | 석류의 사랑 | 강민경 | 2005.06.28 | 496 | |
2177 | 믿어 주는 데에 약해서 | 김사빈 | 2005.07.04 | 402 | |
2176 | 유나의 하루 | 김사빈 | 2005.07.04 | 577 | |
2175 | 만남을 기다리며 | 이승하 | 2005.07.10 | 354 | |
2174 | 여행기 : 하늘을 우러러 한 점 부끄럼이 없었던 시인을 찾아서 | 이승하 | 2005.07.10 | 790 | |
2173 | 앞모습 | 서 량 | 2005.07.10 | 351 | |
2172 | 무 궁 화 | 강민경 | 2005.07.12 | 305 | |
2171 | 달의 뼈와 물의 살 | 성 백군 | 2005.07.16 | 403 | |
2170 | 생선 냄새 | 서 량 | 2005.07.24 | 280 | |
2169 | 낮달 | 강민경 | 2005.07.25 | 168 | |
2168 | 화무십일홍(花無十日紅) / 임영준 | 뉴요커 | 2005.07.27 | 305 |